मनासा के लिए जीवन का अर्थ उसके निजी अनुभवों और दृष्टिकोण पर आधारित है। जब वह जीवन के बारे में सोचती है, तो सबसे पहले उसे अपने आस-पास की छोटी-छोटी चीजें याद आती हैं जो उसे खुशी और संतोष प्रदान करती हैं। उसके लिए जीवन एक ऐसी यात्रा है जहां अनुभव ही शिक्षक होतें हैं और हर मोड़ पर नई सीखें मिलती हैं।
जीवन के अर्थ को समझने के लिए मनासा अक्सर प्रकृति की ओर देखती है। उसे लगता है कि जैसे पत्तों पर पड़ती सूरज की किरणें और हवा में बहती ताजगी, उसकी आत्मा को सुकून और ठंडक देती हैं। ये सब प्राकृतिक तत्व उसे यह एहसास कराते हैं कि जीवन बस दौड़-भाग और आकांक्षाओं का नाम नहीं है, बल्कि यह उन लम्हों का समुच्चय है जिन्हें हम पूरी तरह से जीते हैं।
मनासा का मानना है कि जीवन का सच्चा अर्थ आत्म-साक्षात्कार और आत्म-संतोष में निहित है। उसके लिए यह बेहद आवश्यक है कि इंसान अपने भीतर झांके और अपनी सच्ची पहचान को पहचाने। बाहरी उपलब्धियाँ तभी अर्थपूर्ण बनती हैं जब वे हमारी अंतरात्मा के साथ संरोधन में हों।
संबंधों के दृष्टिकोण से, मनासा मानती है कि जीवन का अर्थ दूसरों के साथ साझा किए गए पलों से भी है। उसके लिए परिवार और मित्रों के साथ बिताया गया समय अमूल्य होता है। वह यह भी समझती है कि एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करना, समझदारी से संवाद करना, और दूसरों के प्रति करुणा दिखाना, जीवन को और भी गहरा अर्थ देते हैं।
मनासा के अनुसार जीवन का अर्थ समय की परछाइयों में बसा होता है। अतीत की मधुर यादें, वर्तमान का सजीवता और भविष्य की संभावनाएँ सभी मिलकर जीवन का आनंद देते हैं। उसका यह दृष्टिकोण उसे इस बात का अहसास दिलाता है कि हर दिन एक नया अवसर है, खुद को और जीवन को बेहतर बनाने का।
इस प्रकार, मनासा की दृष्टि में जीवन का अर्थ उसके अनुभवों में है, कभी संतोष में, कभी चुनौतियों में, और कभी आशाओं के उन नए पंखों में जिन्हें वह हर दिन खोलने की कोशिश करती है। जीवन का अर्थ ढूंढना उसके लिए एक सतत प्रक्रिया है, जो उसे हर पल कुछ नया सिखाती है।